Sep-2016
Navratri Puja – किस दिन माँ दुर्गा के किस स्वरूप की पूजा करें?
Navratri Puja – किस दिन माँ दुर्गा के किस स्वरूप की पूजा करें? : विडियो
नवरात्रि के नौ दिन तक हर एक दिन माँ दुर्गा के अलग-अलग स्वरुप की पूजा की जाती है. ये नौ देवियां और उनका महत्त्व इस प्रकार है.
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शैलपुत्री :
नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है. ये कुंवारी कन्या हैं और इनका पूजन सदा शुभ फलदायक होता है.
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ब्रह्मचारिणी :
दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है जो किस्त्री के रूप में गुरु हैं. इनका पूजन ज्ञान और आनंद प्रदान करता है.
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चंद्रघण्टा:
तीसरे दिन चंद्रघण्टा देवी की पूजा की जाती है. ये दस भुजाओं में अस्त्र शस्त्र धारण करती हैं. ये घंटे की ध्वनि से ब्रह्माण्ड को अचम्भित करती हैं. ये साधकों के सभी भय और विघ्नों को दूर करती हैं. यही देवी चंद्रघण्टा शेर पर सवार होकर शत्रुओं का नाश भी करती हैं.
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कूष्माण्डा:
चौथे दिन देवी कूष्माण्डा की पूजा की जाती है. इनके हंसने से ब्रह्माण्ड उत्पन्न होता है.
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स्कन्दमाता:
पांचवें दिन भगवान शिव की पत्नी और कार्तिकेय जी की माता रूप स्कन्दमाता देवी की पूजा की जाती है. इनकी पूजा करने से ये भक्तों का अपने पुत्र या पुत्री की तरह पालन करती हैं.
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कात्यायनी:
छठे दिन कात्यायनी देवी की पूजा की जाती है. असुरों के संहार के लिए कात्यायन ऋषि ने इनकी पूजा की थी. तब इन देवी ने कात्यायन ऋषि के घर अवतार लिया और असुरों का संहार किया.
श्री कृष्ण की प्राप्ति के लिये गोपियों ने भी इनकी पूजा की थी. इस प्रकार इनकी पूजा मनोवांछित फल प्रदान करती है.
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कालरात्रि:
नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है. कालरात्रि देवी काल की भी काल हैं और रात्रि की देवी हैं. ये देवी कालरात्रि अपनी मशाल से अंधकार में भी भक्तों का मार्गदर्शन करती हैं.
इनकी पूजा से साधना के विघ्न तेजी से दूर होते हैं. क्योंकि ये स्मरण करते ही तुरंत भक्त के निकट आ जाती हैं और दर्शन देती हैं.
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महागौरी:
आठवें दिन देवी महागौरी की पूजा की जाती है. इनकी पूजा से जनकल्याण होता है.
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सिद्धिदात्री:
नवरात्रि के आखिरी दिन यानि नवें दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है. इनकी पूजा जरूर करनी चाहिये क्योंकि ये ही आठ दिन तक की गई पूजा का फल प्रदान करती हैं.
ये भक्त को भोग, मोक्ष और लोक विजय की क्षमता देती हैं. भगवान शिव देवी सिद्धिदात्री की अनुकम्पा से ही अर्धनारीश्वर रूप को प्राप्त हुए और सभी लोकों में इस रूप में पूजनीय हुए.
इस प्रकार नवरात्रि के नौ दिन इन नौ देवियों का पूजन महान कल्याणकारी है.
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